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life is always in transition, the time gives no time to stay in present, most of the time , we either think about future or become nostalg...

Friday, November 2, 2012

लम्हों की गुज़ारिश है

लम्हों की गुज़ारिश  है पास आ जाएँ, A brilliantly filmed love song . Sweet lyrics and music.  And soulful voices of  बाबुल  सुप्रियो  और  अल्का  यागनिक  . It takes me to dreamland ,  made only  for  हम -तुम . I like the creativity used in the song, how they(hero-heroine) relate all the love  situations of different people  with them selves only, they think in terms of  हम -तुम.
लम्हों की गुज़ारिश  है 
 इस गाने  के बोल इतने अच्छे हैं कि हिन्दी में लिखने  पर मजबूर कर दिया 1

खास पंक्ति जो हमें बेहद पसन्द है - छूलो बदन मगर इस तरह ,जैसे सुरीला साज़ हो ,(touch me but rhythmically and softly)


    सांसों को  सांसों में ढलने दो  ज़रा 1
     धीमी  सी धड़कन को बढ़ने  दो ज़रा 11
लम्हों की गुज़ारिश  है पास आ जाएँ
हम -तुम

आखों में हमको उतरने  दो ज़रा ,
बाहों मैं हमको पिघलने दो ज़रा
लम्हों की गुज़ारिश  है ये    पास आ जाएँ
हम -तुम 

सिलवटें कहीं , करवटें कहीं
फैल जाए काजल भी तेरा 1
नजरों मैं हो यूं गुज़रता हुआ
ख्वाबों का कोई काफ़िला
ज़िस्मों को रुहों को जलने दो ज़रा
शर्मों हया को मचलने दो ज़रा
लम्हों की गुज़ारिश  है ये  पास आ जाएँ
हम -तुम 
छूलो बदन मगर इस तरह ,
जैसे सुरीला साज़ हो ,
अँधेरे छुपे तेरी ज़ुल्फ़ में ,
खोलो  के रात हो 1

आँचल  को सीने से ढलने दो ज़रा ,
शबनम की बूंदें फिसलने दो ज़रा
लम्हों की गुज़ारिश  है ये  पास आ जाएँ
हम -तुम 




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