लम्हों की गुज़ारिश है पास आ जाएँ, A brilliantly filmed love song . Sweet lyrics and music. And soulful voices of बाबुल सुप्रियो और अल्का यागनिक . It takes me to dreamland , made only for हम -तुम . I like the creativity used in the song, how they(hero-heroine) relate all the love situations of different people with them selves only, they think in terms of हम -तुम.
इस गाने के बोल इतने अच्छे हैं कि हिन्दी में लिखने पर मजबूर कर दिया 1
खास पंक्ति जो हमें बेहद पसन्द है - छूलो बदन मगर इस तरह ,जैसे सुरीला साज़ हो ,(touch me but rhythmically and softly)
सांसों को सांसों में ढलने दो ज़रा 1
धीमी सी धड़कन को बढ़ने दो ज़रा 11
लम्हों की गुज़ारिश है पास आ जाएँ
हम -तुम
आखों में हमको उतरने दो ज़रा ,
बाहों मैं हमको पिघलने दो ज़रा
लम्हों की गुज़ारिश है ये पास आ जाएँ
हम -तुम
सिलवटें कहीं , करवटें कहीं
फैल जाए काजल भी तेरा 1
नजरों मैं हो यूं गुज़रता हुआ
ख्वाबों का कोई काफ़िला
ज़िस्मों को रुहों को जलने दो ज़रा
शर्मों हया को मचलने दो ज़रा
लम्हों की गुज़ारिश है ये पास आ जाएँ
हम -तुम
छूलो बदन मगर इस तरह ,
जैसे सुरीला साज़ हो ,
अँधेरे छुपे तेरी ज़ुल्फ़ में ,
खोलो के रात हो 1
आँचल को सीने से ढलने दो ज़रा ,
शबनम की बूंदें फिसलने दो ज़रा
लम्हों की गुज़ारिश है ये पास आ जाएँ
हम -तुम
लम्हों की गुज़ारिश है |
खास पंक्ति जो हमें बेहद पसन्द है - छूलो बदन मगर इस तरह ,जैसे सुरीला साज़ हो ,(touch me but rhythmically and softly)
सांसों को सांसों में ढलने दो ज़रा 1
धीमी सी धड़कन को बढ़ने दो ज़रा 11
लम्हों की गुज़ारिश है पास आ जाएँ
हम -तुम
आखों में हमको उतरने दो ज़रा ,
बाहों मैं हमको पिघलने दो ज़रा
लम्हों की गुज़ारिश है ये पास आ जाएँ
हम -तुम
सिलवटें कहीं , करवटें कहीं
फैल जाए काजल भी तेरा 1
नजरों मैं हो यूं गुज़रता हुआ
ख्वाबों का कोई काफ़िला
ज़िस्मों को रुहों को जलने दो ज़रा
शर्मों हया को मचलने दो ज़रा
लम्हों की गुज़ारिश है ये पास आ जाएँ
हम -तुम
छूलो बदन मगर इस तरह ,
जैसे सुरीला साज़ हो ,
अँधेरे छुपे तेरी ज़ुल्फ़ में ,
खोलो के रात हो 1
आँचल को सीने से ढलने दो ज़रा ,
शबनम की बूंदें फिसलने दो ज़रा
लम्हों की गुज़ारिश है ये पास आ जाएँ
हम -तुम
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