Western influence on music is visible in most of the
Indian popular music. The singing style is still Indian but music and
preference for western musical instruments has heavily increased. The songs
with truly unique Indian spirit are rare.
One song that comes in my mind that can be claimed as truly master piece
of Indian music. It could be counted as
niche song , totally away from the territory of western music. In every aspect, lyrics,
singing and music; it is INDIAN.
Let me
explain further, singing- very relaxed
but with flow of Indian classical touch. Lyric with Indian heart,
generally lyrics are with tuk
-bandi, but here lyricist is with deep content, he is not worried about
tukbandi , his pen has flowed without break, the emotions are again truly
Indian, like- akhon ki sarmo haya, jhuki
ankhain, kajal ka till, ye zindagi apki hi amanat rahegi. This kind of poetry
is gifted one. Lastly Music, matchless, wonderful, class, I could use all
superlatives but still would be less. We
know Ravana had sacrified his head ten times to make Lord Shiva happy. I could
sacrifice at least one head to this song. I salute you ISMAIL DARBAR for this
brilliant album. Whenever I think about Indian Hindi film music two albums
instantly come in my mind. One is 70`s SATYAM SHIVAM SUNDRAM and another is 90`s
HUM DIL DE CHUKE SANAM. I feel both
album are complete, songs are EK SE BADHKAR EK.
When song is so beautiful combination of lyric, singing and music, the
song can be listened many times while enjoying different aspects of the
song. Do not forget to enjoy that the
song begins with flute. i consider it a master piece of Indian Hindi film MUSIC.
आँखों की गुस्ताखियाँ माफ़ हों
ओ आँखों की गुस्ताखियाँ
माफ़ हों
एक टुक तुम्हें देखती हैं
जो बात कहना चाहे ज़ुबान तुमसे वो ये कहती हैं
आँखों की शर्मोहाया माफ़ हो
तुम्हें देखके झुकती हैं
उठी आँखें जो बात ना कह सकीं
झुकी आँखें वो कहती हैं
आँखों की
आँखों की
गुस्ताखियाँ माफ़ हों
काजल का एक तिल तुम्हारे लबों पे लगा लून
ला ला ला..
हाँ चंदा और सूरज की नज़रों से तुमको बचा लून
ह्म..
ओह पलखों की चिलमन में आओ मैं तुमको छुपा लूँ
आ..
ख़यालों की ये शोखियां माफ़ हों
हर दम तुम्हें सोचती हैं
जब होश में होता है जहाँ मदहोश ये करती हैं
आँखों की शर्मोहाया माफ़ हो
ये ज़िंदगी आपकी ही अमानत रहेगी
आय हे
दिल में सदा आपकी ही मोहब्बत रहेगी
आय हे
इन साँसों को आपकी ही ज़रूरत रहेगी
इस दिल की नादनियाँ माफ़ हों
ये मेरे कहाँ सुनती हैं
ये पल पल जो होते हैं बेपल सनम तो सपने नये बुनती हैं
आँखों की
आँखों की
गुस्ताखियाँ
माफ़ हों
शर्मोहाया
माफ़ हो.
Masterpiece by Pierre-Auguste Renoir |
आँखों की गुस्ताखियाँ माफ़ हों
ओ आँखों की गुस्ताखियाँ
माफ़ हों
एक टुक तुम्हें देखती हैं
जो बात कहना चाहे ज़ुबान तुमसे वो ये कहती हैं
आँखों की शर्मोहाया माफ़ हो
तुम्हें देखके झुकती हैं
उठी आँखें जो बात ना कह सकीं
झुकी आँखें वो कहती हैं
आँखों की
आँखों की
गुस्ताखियाँ माफ़ हों
काजल का एक तिल तुम्हारे लबों पे लगा लून
ला ला ला..
हाँ चंदा और सूरज की नज़रों से तुमको बचा लून
ह्म..
ओह पलखों की चिलमन में आओ मैं तुमको छुपा लूँ
आ..
ख़यालों की ये शोखियां माफ़ हों
हर दम तुम्हें सोचती हैं
जब होश में होता है जहाँ मदहोश ये करती हैं
आँखों की शर्मोहाया माफ़ हो
ये ज़िंदगी आपकी ही अमानत रहेगी
आय हे
दिल में सदा आपकी ही मोहब्बत रहेगी
आय हे
इन साँसों को आपकी ही ज़रूरत रहेगी
इस दिल की नादनियाँ माफ़ हों
ये मेरे कहाँ सुनती हैं
ये पल पल जो होते हैं बेपल सनम तो सपने नये बुनती हैं
आँखों की
आँखों की
गुस्ताखियाँ
माफ़ हों
शर्मोहाया
माफ़ हो.